अपने नाम के अनुरूप ही यह कुण्ड श्री राधाकृष्ण युगल की जलकेलि तथा कृष्ण का सखाओं के साथ जल क्रीड़ा का स्थल है । यह कुण्ड प्रिया - प्रियतम की विभिन्न केलियों का स्रष्टा एवं द्रष्टा है । आज भी सघन कदम्ब वृक्षों के मध्य-स्थित इस कुण्ड पर पक्षियों का कलरव श्रवणीय है । यहाँ श्री किलोल बिहारीजी के दर्शन हैं ।
स्थान : श्री गोवर्धन में 'श्रीहरि गोकुल तीर्थ' के पूर्व में 'किलोल कुण्ड' स्थित है ।