श्री कृष्ण सिद्धांत पंचाध्यायी [श्री नंददास जी]

श्री कृष्ण सिद्धांत पंचाध्यायी [श्री नंददास जी]

श्री कृष्ण सिद्धांत पंचाध्यायी श्री नंददास जी द्वारा रचित नंददास ग्रंथावली का दूसरा अध्याय है, जिसमें कुल 138 रोला छंद हैं, एवं इसमें श्री कृष्णभक्ति के सिद्धांत, स्वरुप एवं गोपी प्रेम को प्रकट किया गया है।
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नंददास सौं नंदसुवन, जौ करुना कीजै - श्री नंददास ग्रंथावली, श्री कृष्ण सिद्धान्त पंचाध्यायी (138)

नंददास सौं नंदसुवन, जौ करुना कीजै - श्री नंददास ग्रंथावली, श्री कृष्ण सिद्धान्त पंचाध्यायी (138)

हे नंदनंदन,श्री कृष्ण! यदि आप मुझपर करुणा करना चाहते हैं तो मुझे अपने निज भक्तों के चरणों का रस अनुराग प्रदान कीजिए ।

छंद: 138
launch2 years ago
पुनि तिनकी पद-पंकज-रज - श्री नंददास ग्रंथावली, श्री कृष्ण सिद्धान्त पंचाध्यायी (42)

पुनि तिनकी पद-पंकज-रज - श्री नंददास ग्रंथावली, श्री कृष्ण सिद्धान्त पंचाध्यायी (42)

ब्रजांगनाओं के चरण कमलों की रज ब्रह्मा जी भी चाहते हैं, एवं उद्धव भी विशुद्ध बुद्धि से पुनि पुनि उस रज की कामना करता है ।

छंद: 42
launch2 years ago