उज्जवल नीलमणि

उज्जवल नीलमणि

उज्जवल नीलमणि, श्री रूप गोस्वामी द्वारा लिखित एक पुस्तक है जिसमें मधुर-रस की हर अवस्था का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक मधुर-रस और रागानुगा-भक्ति की निश्चित मार्गदर्शिका है।
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सर्वथा ध्वंसरहितं सत्यपि ध्वंसकारणे - श्री रूप गोस्वामी, उज्जवल नीलमणि (14.63)

सर्वथा ध्वंसरहितं सत्यपि ध्वंसकारणे - श्री रूप गोस्वामी, उज्जवल नीलमणि (14.63)

ध्वंसका (प्रेम नष्ट) का कारण होने पर भी जो ध्वंस नही होता, जो कभी रुकता, घटता और मिटता नही, प्रतिक्षण बढ़ता रहता है, उसे 'प्रेम' कहते है । प्रेम की ज्यो-ज्यो प्रगाढ़ता होती है, त्यों-त्यों उसमे नये-नये रूपो का आविर्भाव होता रहता है ।

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7 years ago